आप उसी नदी में दोबारा नहीं उतर सकते । You cannot step twice in the same river | Essay for BPSC mains

You cannot step twice in the same river

आप उसी नदी में दोबारा नहीं उतर सकते ” परिवर्तन ही संसार का नियम है’ गीता का यह उपदेश जीवन के शाश्वत सत्य को बताता है जो कि है ‘परिवर्तन’। परिवर्तन ही है जो शाश्वत बना रहेगा। दुनिया में न केवल व्यक्ति अपितु हर प्राणी, वस्तु और तो और स्वयं ब्राह्मण्ड भी समय के साथ … Read more

छप्पर मरम्मत करने का समय तभी होता है, जब धूप खिली हुई हो । The time to repair the roof is when the sun is shining | Nibandh for BPSC mains

The time to repair the roof is when the sun is shining

छप्पर मरम्मत करने का समय तभी होता है, जब धूप खिली हुई हो । ‘दुख में सुमरिन सब करें सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ।’ कबीरदास जी का उक्त दोहा किसी काम को समय रहते करने की महता को बताता है। किसी कार्य की सफलता उसे … Read more

अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत | Ab pachtaye hot kya jab chidiya chug gayi khet | Nibandh For Bpsc Mains

Ab pachtaye hot kya jab chidiya chug gayi khet

अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत ” समय चूँकि पुनि का पछताना का बरखा जब कृषि सुखाना । “ तुलसीदास जी द्वारा रचित उपर्युक्त पक्तियाँ समय के महत्व व सामर्थ्य को बताती हैं । अर्थात किसी भी घटना / स्थिति/व्यक्तित्व आदि का मूल्यांकन समय सापेक्ष होता है। यदि हम समय रह रहते … Read more

नारी का सौंदर्य आभूषणों से नहीं, सौम्य गुणों से होता है | Womens jewelery is not beauty mild quality | Nibandh for BPSC mains exam

womens-jewelery-is-not-beauty-mild-quality

 “नारी का सौंदर्य आभूषणों से नहीं, सौम्य गुणों से होता है।” “नारी तुम केवल श्रद्धा हो विश्वास रजत नग पग तल में । पीयूष स्रोत सी बहा करो जीवन के इस समतल में “ इसी तरह नारी का त्याग व समर्पण रूपी आभूषण भी उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा देता है। वह अपने झूठे … Read more

कर्म करें, फल की चिंता न करे । Karm karo fal ki chinta mat karo | Nibandh for BPSC mains exam

Karam karo phal ki chinta mat karo

 कर्म करें, फल की चिंता न करे । “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥” श्रीमद्भगवद्गीता का यह प्रसिद्ध श्लोक कर्म की महत्ता को दृर्शाता है। यह बताता है कि हमें अपने कर्मों को बिना किसी फल की इच्छा किए निरंतर करते रहना चाहिए। भगवद्गीता का सार हो या दार्शनिक कांट का ‘कर्त्तव्य … Read more

जहाँ चाह, वहाँ राह | Jahan chah wahan raah | Nibandh for BPSC mains exam

Nibandh for BPSC mains exam

“जहाँ चाह, वहाँ राह” ” अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती हैं। “ ‘ओम शांति ओम’ चलचित्र का यह संवाद हमने कई बार सुना है परंतु इस पर विचार करें तो यह खुद में गहरे अर्थ को समेटे हुआ है। यह बताती है किस तरह … Read more

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत | Man ke hare har hai man ke jeete jeet | Nibandh for BPSC mains exam

 ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’ प्रांजल पाटिल जब 6 साल की थी तो उनकी एक आँख एक हादसे में खराब हो गई थी। इस हादसे से उबरने से पहले ही उनकी दूसरी आँख की रोशनी भी चली गई थी। लेकिन नेत्रहीन होने के बावजूद भी उन्होंने कभी सपना देखना नहीं बंद … Read more

मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर करना | Mazhab nahiin sikhaataa aapas men bair rakhnaa | Nibandh for BPSC mains exam

majahab nahi sikhata

“ मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर करना “ बचपन से ही हम इकबाल के इन संदेशों / गीतों को सुनते आए हैं। ‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना’ जो कि सभी धर्मो/मजहबों की एक उदार और सहिष्णु छवि को बताता है तथा यह दृर्शाता है. कि धर्म समाजों के मध्य परस्पर भाईचारे व … Read more