तन के भूगोल से परे एक स्त्री के मन की गाँठे खोलकर कभी पढ़ा है तुमने | Have you ever read the mind of a woman beyond the geography of her body by unravelling the knots | Essay for BPSC mains
“तन के भूगोल से परे एक स्त्री के मन की गाँठे खोलकर कभी पढ़ा है तुमने “ ” स्त्री पैदा नही होती, बनाई जाती है।” सिमोन द बुआर द्वारा दी गई यह पंक्ति ऐतिहासिक तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्त्री की स्थिति का एक मर्म सटीक वर्णन है। सीमा जो एक बहुत ही समझदार व होशियार … Read more